नमस्कार दोस्तों आज हम इस लेख में ताज महल की जानकारी जानेंगे वो भी हिंदी में, दोस्तो ताज महल का इतिहास बोहोत पुराना है हम इस लेख मे ताज महल की हिस्ट्री ओर उसके बारे में रौचक तथ्य इन सभी की जानकारी जानेंगे आपको पता ही है कि अपना भारत देश एक कृषि प्रधान देश हैं। जिस देश में लोग एक दूसरे के सहायता के लिए कभी भी तयार रहते हैं। हमारे देश की संस्कृति किसी ओर देश से बोहोत अच्छी और बेहतरीन है।
इसी देश के संस्कृति में से एक ताज महल है जिसकी खूबसूरती इतनी हैं कि कोई भी इसे देखने की ख्वाइश रखता है इसे देखने के लिए अपने देश के लोक तो आते ही है परंतु बाहर देश के भी लोग आते हैं।
ताज महल जो कि दुनिया के सात अजूबे में शामिल एक अजूबा है इसको प्यार का प्रतीक भी कहा जाता है। यह एक पति और पत्नी का प्रेम दर्शाता हैं। तो आइए जानते हैं ताज महल के बारे में वो भी विस्तार में
table of contents
- Introduction
- ताज महल को किसने बनाया
- ताज महल को क्यों बनाया गया
- ताज महल को किस शताब्दी मे बनाया गया
- ताज महल की हिस्ट्री
- ताज महल के बारे में रौचक तथ्य
- ताज महल को देखने कैसे जाए
Introduction
दोस्तो ताज महल नाम ही काफी है ऐसा है ताज महल सबसे सुंदर कलाकृति और नक्षी उस समय इस तरह engeenearing बिना किसी instruments के ये एक बोहोत बड़ी बात है।
आप लोगो ने अगर notice किया होगा तो आपको पता होगा कि जो भी पहले समय के किले, घर थे वो ऐसे बनाएं गए है कि आजके इंजीनियरों को भी सोचने पर मजबूर करते है। ऐसा ही ताज महल है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ( bill clinton) जब भारत आए थे तो उन्होंने ताज महल को देखने के बाद उन्होंने कहा था कि आज मुझे एहसास हुआ कि इस दुनिया में दो ही तरह के लोग है, एक वो जिन्होंने ताज देखा हैं। ओर एक वो जिन्होंने ताज नही देखा है। होंगी इस दुनिया में एक से बढ़कर एक बुनियाद और खूबसूरत इमारतें लेकिन ताज जैसी एक भी नहीं क्योंकि इसमें शाहजहां ने अपना दिल रखा है।
Bill clinton say's
"There are only two types
of people in the world.
One who have seen the taj mahal
And others who haven't "
तो दोस्तो इस लेख को आखिर तक पढ़े इस लेख मे हम ताज महल के बारे में विस्तार में जानेंगे
ताज महल को किसने बनाया| who was made the taj mahal
ताज महल को मुघल साम्राज्य के राजा शाह जहां (shah Jahan) इन्होंने बनवाया था।
ताज महल को क्यों बनवाया गया था। | Why was the taj mahal made up
जैसा कि आप जानते हैं ताज महल जिसे हम प्यार कि निशानी के भी नाम से जानते हैं। शाह जहां ने ताज महल को उनकी बेगम मुमताज महल के याद मे बनवाया गया था।
ताज महल को किस शताब्दी में बनवाया गया| in which year taj mahal made up
ताज महल को बनाने के लिए पूरे 22 वर्षो का समय लगा था।
यह आगरा में स्तिथ है और इसको 1631 मे बनाने को शुरुवात की थी और 1653 मे बनकर तैयार हुआ था।
ताज महल का इतिहास | History of Taj Mahal
ताज महल एक प्यार कि निशानी जो दो पति पत्नी के प्यार को दर्शाता है ।
लगभग 400 साल पुरानी ये building अपने दौर कि एक खूबसूरत और सबसे बड़ी building है । वही इसको आज दुनिया का सातवा अजूबा भी कहा जाता है। इसको बनाने के लिऐ बीस हज़ार मजदूरों ने लगभग 22 सालों तक दिन रात मेहनत करके इसको बनाया था।
बिना किसी इंजीनियरिंग साहित्य के आखिर इस मकबरे को बनाया कैसे गया ये सब जानेंगे आज के इस लेख मे।
दरअसल ये बात है सन सोला सो सात की (१६०७) जब भारत और पाकिस्तान के हिस्सो मे मुगल empire का राज था इन मे से एक मुगल शासक का सबसे छोटा बेटा shah -ud-din muhmmad Khurram 15 साल का हो चुका था इसी के celebration के लिए आगरा fort पर बोहोत बड़ी पार्टी रखी गई थी।
Khurram मुगल शहंशाह को बोहोत प्यारा था इसी वजह से khurram के हर इक जन्मदिन पे इसे सोने, हीरे और javharat से तोला जाता था लेकिन इस बार कुछ अलग था दरअसल इस बार मुगल शहंशाह khurram की शादी अपने वकील की बेटी जिसको आज के दिन मुमताज महल के नाम से जाना जाता है उससे कराने वाले थे। मुमताज ओर khurram पहली बार में ही एक दूसरे के प्यार में पड़े थे।
अगले दस सालों मे शहजादे ने बोहोत जंगे जीती इसी वजह से मुगल शहंशाह ने खुश होकर शाह जहान के लकब से नवाजा जिसका मतलब है दुनिया का बादशाह।
शाह जहान की कुल 6 बीवियां थी जो आगरा के harem मे ही रहती थी जिसमें शाह जहान सबसे ज्यादा प्यार मुमताज को ही करते थे। इसी वजह से शाह जहान का ज्यादा तो वक्त मुमताज महल के ही साथ जाता था।
वक्त जल्दी गुजर रहा था।
4 सालों बाद यानी कि 1621 मे मुगल शहंशाह अचानक चल बसे, इसके बाद मुग़ल empire ko शहंशाह की जरूरत थी। तो शाह जहान वहा पे काफी मशहूर ओर शहंशाह का लाडला बेटा था इसी वजह से 1628 यानी मौत के 7 साल बाद शाह जहान ने मुगलिया सल्तनत की गद्दी संभाल ली यही वह समय था जिसमे मुगलिया सल्तनत india, Pakistan aur Afghanistan मे भी फैला हुआ था। शाह जहान अब सारे फैसले खुद लिया करतथा बल्कि मुमताज महल उनके पीछे रहकर मशहुरे दिया करती थी।
लेकिन किसको पता था कि ये खुशी जल्दी ही मातम मे बदल ने वाली थी। गद्दी संभाले हुए अभी एक साल ही हुआ था की मुग़ल साम्राज्य को दुश्मनों को सामना करना पड़ता है ये जंग अगले दो सालों तक चलती रहती है लेकिन शाह जहान को इस जंग मे अच्छी कामयाबी हासिल हुई इसी खुशी को वो celebrate करते की वही उनको मुमताज महल जो कि उनके 13 वे बच्चे को जन्म देने वाली थी की उनके बारे मे एक बुरी खबर सुनने को अति है कि उनको दर्द होने लगता हैं इसमें ही उनकी बेगम मुमताज महल की मृत्यु हो जाती हैं।
ये खबर शाह जहान के ऊपर ऐसी गिरती है की जैसे आग का गोला गिरता है शाह जहान की सबसे प्यारी और सबसे पहला प्यार थी मुमताज महल इसी वजह से शाह जहान को बोहोत बड़ा सदमा लगता है ओर ओ अगले 8 दिनों तक कुछ भी नहीं खाया नहीं कौनसा music सुना मुमताज महल की मरने से पहले एक ही ख्वाइश थी की उसकी कबर सबसे आलीशान मकबरे मे बनाई जाय इसी ख्वाइश को पूरा कराने के लिए शाह जहान मुमताज महल के मृत्यु के 6 महा के बाद ताज महल को बनाने का फैसला लिया उन्होंने अपनी सारी दौलत और जिंदगी इस मकबरे को बनाने मे वक्फ कराने का फैसला लिया और मुमताज महल के मृत्यु के 6 महा बाद ताज महल बनाने को शुरुवात की लगभग 20000 हजार से भाई ज्यादा मजदूर, कारीगरों और पत्थर तराशों को पूरी सल्तनत से इक्कठा किया गया , लश्करो के लश्कर शाह जहान के आदेश पर।
क्योंकि मुमताज महल की कब्र यमुना नदी के किनारे पे थी तो वहा पे खुदाई करना बोहोत मुश्किल था और आगर खुदाई कर भी ली तो पानी के बहाव से construction बह जाने का डर था इसी मसले को हल करने के लिए मुग़ल इंजीनियरों और कारीगरों ने बड़े बड़े कुएं खुदवाए उनको पत्थरों से भरा गया और उसपे पत्थरों के column खड़े किए गए, इस सारे काम को अंजाम देने के लिए कारीगरों के साथ साथ हाथियों को भी इस्तमाल किया गया।
मुग़ल इंजीनियरों की ये ट्रिक काम कर चुकी थी और एक ऐसा फौलाद फाउंडेशन बनकर तैयार हुआ था जो नरम जमीन पे फौलाद बनकर खड़ा था।
अब बारी थी एक ऐसे building डिजाइन की जो आजसे पहले किसी ने बनाया ना हो और जो रिकॉर्ड ब्रेक कर दे,
ताज महल के डिजाइन का आइडिया shah Jahan ने अपनी बाप दादा के मकबरे से लिया गया , जिसमे बाप के मकबरे से मिनारो का आइडिया, दादा के मकबरे से building core का आइडिया और अंकल के मकबरे से dome का आइडिया लिया गया।
जब इन सब को combine किया गया तो एक आलीशान महल का डिजाइन उभरकर आया ये काम इतना आसान नहीं था इसमें लाखों करोड़ो रूपए और करोड़ो का खजाना लगाया जा रहा था। दिन ब दिन शाही खजाना कम होता जा रहा था।
लेकिन शाह जहान को इस बात की कोई परवा नहीं थी की क्या हो रहा हैं उन्हें तो सिर्फ इस प्रोजेक्ट को किसी तरह अच्छे से पूरा करना था।
कहा जाता है कि ताज महल को बनाने के लिए इतने मजदूर और कारीगरों को लगाया गया था कि आस पास के इलाकों में भूख मरी की problem हो गई थी। 20000 हज़ार मजदूरों की खाने पीने की डिमांड पूरी कराने के लिए शाह जहान ने agra के आस पास इलाखो से खाना आगरा लाया गया था।
आखिर वो दिन आया जब ताज महल बन कर तयार हो गया अब बारी थी ताज महल को sangmarmar से सजाने की ये sangemarmar आगरा से 400 किलो मीटर राजस्थान से लाया गया था क्योंकि यहां का मकराना मार्बल दुनिया का सबसे फाइनस्ट मार्बल हैं। शाह जहान ने राजस्थान का मकराना मार्बल रिजर्व कर लिया था यानी कि जब तक ताज महल पूरा नहीं होता तब तक इस मार्बल को कोई भी खरीद नहीं सकता था।
दोस्तो इस अनोखे, खूबसूरत और लाखो टन के इन पथरो को हजारों हाथियों के मदत से खीच कर आगरा लाया गया था। ताज महल का डोम इतना बड़ा हैं की इसका अंदाजा आंखो से देखकर ही लगाया जा सकता है। दोस्तो इस अनोखे और विशाल डोम को बनाने के लिए जो मुग़ल इंजीनियरों stress calculation की थी उसकी तारीफ आज के इंजीनियर आज भी करते हैं।
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